हनुमान प्रकरण में कोली समाज का प्रतिनिधि मंडल मुख्यमंत्री गहलोत से मिला

 


अखिल भारतीय कोली समाज व कोली समाज संघर्ष समिति कोटा का 21 सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल मुख्यमंत्री कार्यालय में राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से अखिल भारतीय कोली समाज युवा शाखा के राष्ट्रीय प्रभारी व उत्तराखंड सरकार के पूर्व मंत्री मुकेश कोरी व कोली समाज संघर्ष समिति कोटा की अध्यक्षा किरन महावर के नेतृत्व में मिला।मुख्यमंत्री को हनुमान प्रकरण से जुड़ी तथ्यात्मक जानकारी दी गई। वार्ता कर पूरे प्रकरण की सम्पूर्ण जानकारी से मुख्यमंत्री को अवगत करवाया गया ।थाने में हनुमान की मौत के बाद प्रकरण को दबाने, परिजनों को अंतिम दर्शन व अर्थी को कंधा देने के मौलिक अधिकार से वंचित करने व शव को पेट्रोल डाल कर आग लगाने के सभी अमानवीय कृत्य, सबूतों को मिटाने के लिये पुलिस अधीक्षक कोटा की शह पर किये गये। उन्होंने प्रकरण को दबाने की पूरी पूरी कोशिश की। अर्थी तैयार किये बिना स्ट्रेचर पर ही शव को श्मशान ले जाया गया। कोली समाज ने मांग की SP कोटा के रहते हुए प्रकरण की निष्पक्ष जांच असम्भव है। मुख्यमंत्री से SP के  स्थानांतरण की मांग की। गहलोत ने पुलिस द्वारा अंतिम संस्कार की बात सुनकर आश्चर्य व्यक्त किया, कहा कि पुलिस द्वारा अंतिम संस्कार किये जाने की घटना अपने आप में निन्दनीय है। समाज द्वारा दोषियों पर हत्या का मुकदमा, पत्नी को सरकारी नौकरी व बीस लाख की आर्थिक मदद की मांग दोहराई। प्रतिनिधि मंडल में समाज के राष्ट्रीय मंत्री रूप सिंह कोली, प्रदेश अध्यक्ष नाथूलाल कोली, महामंत्री डॉ पप्पूराम कोली, राष्ट्रीय संयोजक महिला शाखा द्रोपदी कोली, गिरिराज महावर, के एल महावर, संघर्ष समिति के हरिप्रसाद जैथल, सत्यनारायण महावर, जे.पी.महावर,मुरली महावर व मृतक की पत्नी व बच्चे शामिल रहे।


अखिल भारतीय कोली समाज व कोली समाज संघर्ष समिति कोटा का 21 सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल मुख्यमंत्री कार्यालय में राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से अखिल भारतीय कोली समाज युवा शाखा के राष्ट्रीय प्रभारी व उत्तराखंड सरकार के पूर्व मंत्री मुकेश कोरी व कोली समाज संघर्ष समिति कोटा की अध्यक्षा किरन महावर के नेतृत्व में मिला।मुख्यमंत्री को हनुमान प्रकरण से जुड़ी तथ्यात्मक जानकारी दी गई। वार्ता कर पूरे प्रकरण की सम्पूर्ण जानकारी से मुख्यमंत्री को अवगत करवाया गया ।थाने में हनुमान की मौत के बाद प्रकरण को दबाने, परिजनों को अंतिम दर्शन व अर्थी को कंधा देने के मौलिक अधिकार से वंचित करने व शव को पेट्रोल डाल कर आग लगाने के सभी अमानवीय कृत्य, सबूतों को मिटाने के लिये पुलिस अधीक्षक कोटा की शह पर किये गये। उन्होंने प्रकरण को दबाने की पूरी पूरी कोशिश की। अर्थी तैयार किये बिना स्ट्रेचर पर ही शव को श्मशान ले जाया गया। कोली समाज ने मांग की SP कोटा के रहते हुए प्रकरण की निष्पक्ष जांच असम्भव है। मुख्यमंत्री से SP के  स्थानांतरण की मांग की। गहलोत ने पुलिस द्वारा अंतिम संस्कार की बात सुनकर आश्चर्य व्यक्त किया, कहा कि पुलिस द्वारा अंतिम संस्कार किये जाने की घटना अपने आप में निन्दनीय है। समाज द्वारा दोषियों पर हत्या का मुकदमा, पत्नी को सरकारी नौकरी व बीस लाख की आर्थिक मदद की मांग दोहराई। प्रतिनिधि मंडल में समाज के राष्ट्रीय मंत्री रूप सिंह कोली, प्रदेश अध्यक्ष नाथूलाल कोली, महामंत्री डॉ पप्पूराम कोली, राष्ट्रीय संयोजक महिला शाखा द्रोपदी कोली, गिरिराज महावर, के एल महावर, संघर्ष समिति के हरिप्रसाद जैथल, सत्यनारायण महावर, जे.पी.महावर,मुरली महावर व मृतक की पत्नी व बच्चे शामिल रहे।