नई दिल्ली। पूरा देश इन दिनों कोरोना वायरस ( coronavirus ) की चपेट में है। केन्द्र सरकार ( Central Government ) ने अगामी तीन मई तक लॉकडाउन ( Lockdown ) की अवधि बढ़ा दी है। हालांकि, यह जरूर कहा गया है कि 20 अप्रैल से सशर्त छूट दी जाएगी। इस बाबत बुधवार को सरकार की ओर से एक गाइडलाइंस भी जारी की गई है। इसमें ग्रामीण अर्थव्यवस्था को चालू रखने के सभी उपाय किए गए हैं। इसके अलावा शहरों में फंसे मजदूरों के लिए भी राहत दी गई है।
जानकारी के मुताबिक, 20 अप्रैल के बाद शहरों के भीतर निर्माण कार्य को छूट मिलेगी। क्योंकि कंस्ट्रक्शन के काम के लिए शहर में मौजूद मजदूरों को ही रोजगार दिया जाएग। गाइडलाइन के मुताबिक, इस काम के लिए बाहर से मजदूरों को लाने की इजाजत नहीं होगी। बताया जा रहा है कि सरकार के इस पहल से महानगरों में फंसे मजदूरों को बहुत फायदा होगा और पलायन की जरूरत नहीं पड़ेगी। क्योंकि, लॉकडाउन के दौरान कई प्रवासी मजदूर घर जाने के लिए बेताब हैं। जगह-जगह सड़कों पर उतर रहे हैं। इतना ही नहीं घर जाने के लिए पैदल ही निकल रहे हैं। मंगलवार को जैसे ही लॉडाउन बढ़ाया गया मुंबई हजारों की संख्या में लोग अपने घरों को जाने के लिए बांद्रा स्टेशन पहुंच गए हैं। अहमदाबाद और सूरत में भी कुछ ऐसा ही हुआ है। लिहाजा, सरकार के इस फैसले से मजदूरों को जरूर बड़ी राहत मिलेगी।
यहां आपको बता दें कि कोरोना संकट और लॉकडाउन के बीच उत्तर प्रदेश के लोगों को एक और रियायत दी गई है। यहां 15 अप्रैल से कंस्ट्रक्शन का काम शुरू हो गया है। उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव मौर्य ने मंत्रियों की कमेटी और अधिकारियों के साथ बैठक की। इस दौरान तय किया गया कि कंस्ट्रक्शन साइट शुरू की जाएंगी। फिलहाल, इन साइट पर 40 फीसदी मजदूर मौजूद हैं। इतना ही नहीं खेती से जुड़े मजदूरों को भी छूट दी गई है। मजदूर खेतों में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए काम कर सकते हैं। इसके अलावा मनरेगा के तहत भी काम जारी रहेगा। साथ ही शर्तों के साथ निर्माण कार्यों को भी अनुमति प्रदान की जाएगी।